Best Aradhana poems of Suryakant Tripathi Nirala
आराधना हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने आराधना की कई कविताएं लिखी हैं। यहाँ हम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की सर्वश्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठ आराधना कविताएँ एकत्र करते हैं।
Best Aradhana poems of Suryakant Tripathi Nirala | आराधना सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सीधी राह मुझे चलने दो
सीधी राह मुझे चलने दो।
अपने ही जीवन फलने दो।
जो उत्पात, घात आए हैं,
और निम्न मुझको लाए हैं,
अपने ही उत्ताप बुरे फल,
उठे फफोलों से गलने दो।
जहाँ चिन्त्य हैं जीवन के क्षण,
कहाँ निरामयता, संचेतन?
अपने रोग, भोग से रहकर,
निर्यातन के कर मलने दो।
(7 दिसम्बर, 1952)
